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Sunday, 24 January 2016

।।नक्षत्रों का अद्भुत रहस्य।।


।।नक्षत्रों का अद्भुत रहस्य।।

1 जन्म नक्षत्र से दूसरे,चौथे,छठे,आठवें नक्षत्र के स्वामी से केंद्र/त्रिकोण में स्थित ग्रह अपनी महादशा /अन्तर्दशा में शुभ फल देते हैं।

2जन्म नक्षत्र से दूसरे ,चौथे,छठे,आठवें नक्षत्र स्वामी से छठे,आठवें या बारहवें में स्थित ग्रह अपनी महादशा/अन्तर्दशा में अशुभ फल देते हैं ।

3जन्म नक्षत्र से तीसरे ,पाँचवें,सातवें नक्षत्र के स्वामी से छठे,आठवें या बारहवें स्थित ग्रह अपनी महादशा/अन्तर्दशा में बहुत अच्छा फल देते हैं।

4 जन्म नक्षत्र से पहले,नवें ,दशवें अठारहवें,उन्नीसवें तथा सत्ताइसवें नक्षत्र के स्वामी से केंद्र /त्रिकोण में स्थित ग्रह शुभ फल देते हैं।

5 जन्म नक्षत्र से पहले,नवें,दशवेंअठारहवें उन्नीसवें तथा सत्ताइसवें नक्षत्र के स्वामी से छठे,आठवें व बारहवें मे स्थित ग्रह अशुभ फल देते हैं।

6 जन्म नक्षत्र से पहले,दूसरे चौथे छठे,आठवें तथा नवें नक्षत्र के स्वामी से दूसरे ,तीसरे व ग्यारहवें स्थित ग्रह यदि शुभ ग्रहों से संबद्ध हों तो शुभ फल ,यदि अकेला हो तो मध्यम प्रकृति का फल देते हैं।

7 जन्म नक्षत्र से तीसरे ,पाँचवें ,सातवें नक्षत्र के स्वामी से दूसरे,तीसरे व ग्यारहवें स्थित ग्रह यदि अशुभ ग्रहों से युत हो तो अशुभ फल देते हैं ।यदि अकेले हो तो मध्यम अशुभ होते हैं।
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Astro-Ganesh Shankar pandey
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