यदा लग्ने तु लग्नेशःपाप दृष्ट्या समन्वितः
तदा कष्टं तु वक्तव्यम् अंगे लग्नांकदर्शिते।।
यदि लग्न और लग्नेश पापग्रह की दृष्टि युति से पीड़ित हों ( लग्न कारक पर भी विचार करें) तो लग्न की राशि संबंधित अंग रोग से पीड़ित होता है ।विद्वानों ने राशियों को सम्मुख दर्शाये अंगों का प्रतिनिधित्व दिया है।
1- मेष= सिर, माथा ।
2- वृष=चेहरा , आँख,नाक मुँह।
3-मिथुन=कान, श्वांसनली , वक्षस्थल,कंधे
4-कर्क=हृदय, फेफड़े, पेट का ऊपरी भाग।
5- सिंह=पेट, आमाशय।
6-कन्या=आंते(intestine) कमर।
7-तुला=प्रजनन प्रणाली।
8-वृश्चिक=गुदा, योनि, अण्डकोष।
9-धनु=जंघा, नितंब, सन्धि।
10-मकर=घुटने का जोड़, घुटने की मांशपेशियां।
11-कुंभ=टाँग,calves घुटने से टखने तक
12-मीन=पाँव, टखना , पंजा, पदतल।
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