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Wednesday, 20 January 2016

12th huse में ग्रहों की युति और रोग

कुछ विद्वान त्रिक स्थान (6'8'12) में द्वादश भाव को सर्वाधिक अनिष्टप्रद मानते हैं।
द्वादश भाव में -
1- सूर्य की शनि या राहु से युति अस्थि विकार या ।हड्डियों का रोग देती है।
2-चंद्र की शनि या राहु से द्वादश भाव में युति दृष्टि दोष , मतिभ्रम, मन की अस्थिरता या व्यग्रता तथा रक्त की कमी देता है।
3- मंगल की द्वादश भाव में राहु या शनि से युति दृष्टि मांशपेशियों की दुर्बलता देती है।
4- द्वादश भाव में बुध की शनि या राहु से युति दृष्टि से चर्मरोग या बुद्धि विकार होता है।
5- गुरु की द्वादश भाव में शनि या राहु से युति दृष्टि मज्जा विकार या मोटापा देता है।
6- शुक्र की द्वादश भाव में शनि या राहु से युति दृष्टि वीर्यदोष या यौन दोष देता है।
7- द्वादश भाव में स्थित शनि का राहु से दृष्टि युति संबंध स्नायुविक दुर्बलता तथा मन मे विषाद या क्षोभ देता है।

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